कभी-कभी ऐसे इंसान भी जन्म लेते हैं, जो अपना नाम, अपनी याद तारीख में नहीं बल्कि लोगों के दिलों में महफूज कर जाते है। वाकई में Vinod Khanna जी आपकी द्वार कही ये डायलोग्स, आप पर खूब फबती है। आपने जब फिल्मों में काम करते थे, तो लोग आपके डायलोग्स सहित गानों को मुहजबानी कर लिया करते थे और आज जब आप चले गए तो लोगों का आपके जीवन को भुलाए नहीं बनता, क्योंकि आपने जो फिल्म इंडस्ट्री के लिए किया है, वो किसी Godfather के काम से कम नहीं है।
आइये हम दुबारा से आपके जीवन को इस biography द्वारा जिंदा करने की कोशिश करेंगे-
अनुक्रम
Vinod Khanna Biography

Parents
विनोद खन्ना का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर के पंजाबी फॅमिली में हुआ था। उनकी माँ कमला थी और पिता किशनचंद खन्ना के टेक्सटाइल और केमिकल बिजनेसमेन थे। उनकी तीन बहाने और एक भाई भी था।
Childhood & Education
Vinod Khanna के ठीक जन्म के बाद उनका पूरा परिवार भारत-पाकिस्तान विभाजन के वक्त मुंबई को आ गए।
वहीं विनोद खन्ना की शुरुआती शिक्षा सेंट मेरी स्कूल से स्टार्ट हुई और वे वहाँ सेकंड स्टेंडर्ड तक पढे। 1957 में उनका परिवार मुंबई को छोड़कर दिल्ली को रहने आ गए और यहाँ इनकी दिल्ली पब्लिक स्कूल से स्टार्ट हुई।
खैर तीन सालों बाद ही उनकी फैमिली मुंबई चली और उन्हें देयोली के बार्नेस स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया गया। उन्हीं दिनों पहली बार उन्होंने सोलवा साल और मुग़ल ए आजम जैसी फिल्मे देखी और बस उन्हें फिल्मों से प्यार हो गया।
इसके बाद उन्होंने मुंबई के सिडन्हाम कॉलेज से कॉमर्स की ग्रेज्युट की डिग्री ली और फिल्मों में एंट्री के लिए जद्दोजहज करने लगे।
Filmy Career
आखिरकार उन्हें 1968 में सिल्वर स्क्रीन के लिए काम करने का मौका मिला। उन्होंने तमिल रिमेक मन का मीत फिल्म से अपनी एक्टिंग कैरियर की शुरुआत की है।
प्रारम्भिक दौर में वे सपोर्टिंग और विभिन्न रोल कर लिए करते थे। इस दौर की उनकी फिल्म पूरब और पश्चिम, सचा झूठा, आ मिलो सजना, मस्ताना, मेरा गाँव मेरा देश और ऐलान थी।
आखिरकार तीन साल की छोटी कैरियर के बाद 1971 में हम तुम और वो फिल्म में हीरो के रूप में काम किया। यहीं से एक हिन्दी फिल्मों के लिजेंड और सदाबहार हीरो का जन्म हुआ। इसके बाद दो दशक उनके ही नाम रहा।
इस दौरान उनकी प्रमुख फिल्में रही – अचानक, फरेबी, गद्दार, कुर्बानी, मुकद्दर का सिकंदर, अमर अकबर एंथनी, परवरिश।
ओशो से प्रेम
70 से ही Vinod Khanna ओशो के फोलोवर्स बन गए, जिसके कारण 1982 में फिल्म इंडस्ट्री छोड़ सन्यासी बनने की ठान ली। इसलिए उन्हें उन दिनों सेक्सी सन्यासी कहा जाता था। वे ओशो के साथ अमेरिका चले गए और वहाँ आश्रम में रहकर प्लेट लेकर टॉइलेट खुद साफ किया करते थे।
फिल्मों में कमबैक
बाद 1987 में इंसाफ फिल्म से बॉलीवुड एंट्री की। लोग अभी भी उन्हें उतना ही प्यार करते थे, जीतने पहले किया करते थे। यही कारण रहा कि दुबारा उन्हें अपनी फिल्मी कैरियर स्थापित करने से आसानी हुई। इस दौरान मुकद्दर का बादशाह, सीआईडी, जुर्म, खून का कर्ज जैसे कई फिल्मों में काम किया।
राजनीतिक कैरियर
1997 में बीजेपी में शामिल हो गए और 1999 में पंजाब के लोकसभा सीट गुरदासपुर से जीत भी गए। 2002 में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पर्यटन और सांस्कृतिक मंत्री बनाया गया।
लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में हार गए पर 2014 के मोदीलहर में जीत गए।
इस दौरान उन्होंने फिल्में करने ना ही छोड़ा। बल्कि उन्होंने आधुनिक हीरो के साथ दिलवाले, दबंग, दबंग 2, वांटेड, हल्ला बोल जैसी आधुनिक फिल्मों में काम कर अपनी पुरानी साख बनाए रखी।
Personal Life
1971 में Vinod Khanna का विवाह गीतांजली के साथ हुआ था। इस शादी से वे दो बेटे राहुल खन्ना और अक्षये खन्ना के पिता बने। पर 1980 के दौर में ओशो के भक्त बनने के कारण उन्होंने परिवार छोड़ दिया। जिसके कारण कई सालों के बाद तलाक पर उनकी शादी खत्म हुई।
फिल्मों में काम करने के बाद 1990 में उन्होंने कविता से विवाह रचा लिया और इस शादी से एक बेटे और एक बेटी के पिता बने।
Death
अप्रैल 2 2017 को Vinod Khanna की तबीयत बिगड़ गई। जिससे उन्हें हॉस्पिटल में एड्मिट कराया गया। पर हालत उनके ठीक नहीं हुए और 27 अप्रैल 2017 को 11:20 बजे अंतिम सांस लिए और सबको सदा के लिए छोड़ गए।
Quick Fact
Name – Vinod Khanna
Date of birth – 6 October, 1946
Place of birth – Peshawar, British India
Date of Death – 27 April 2017
Place of Death – Mumbai
Age – 70 years
Family
Wife – Geetanjali, Kavita
Children – Rahul Khanna, Akshay Khanna, Sakshi Khanna, Shraddha Khanna