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आखिर छोटे से शहर की यह लड़की, कैसे बनी दुनियाँ की नं. 1 खिलाड़ी ?

By : Ravi Kumar Last Updated : Nov 18, 2016

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नदियां पत्थरों को काटती है, ताकत की वजह से नहीं। बल्कि हार ना मानने की वजह से। बिलकुल कुछ ऐसी ही एक शख्सियत है, जिसे लोगों ने कहा, “बाहर खेला मत करों, काली हो जायोगी तो शादी कौन करेगा” कभी धर्म गुरुओं ने उनके कपड़ों को लेकर तरह-तरह के फतवा जारी किए। पर बेवाक और बुलंद हौसलों वाली वह लड़की कभी नहीं रुकी और आज तमाम मुसीबतों को अपने हार ना मानने की हठ से काट कर दुनियाँ की नं. 1 खिलाड़ी बन चुकी है। जिसका नाम लेकर हर भारतीय गर्व से अपना सीना 56 इंच तक जरूर फैलाता है। फ्रेंड वो और कोई नहीं, बल्कि दुनियाँ के डबल्स टेनिस वर्ल्ड में तहलका मचाने वाली Sania Mirza है।

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भारत में बैडमिंटन और क्रिकेट को सभी जानते है, पर टेनिस क्या है ? अधिकांश भारतीय आज भी नहीं जानते। फिर इस बेनामी खेल में वर्ल्ड नं. 1 बनना कभी भी आसान नहीं था और है। फिर सानिया मिर्ज़ा कैसे इस कठिन मुकाम पर पहुंची, जहां पूरी दुनियाँ सलाम करती है। यहीं सब जानेंगे Sania Mirza की इस Hindi biography से।

Sania Mirza Hindi Biography (Wiki)sania mirza

Parents

Sania Mirza का जन्म मुंबई में सुन्नी मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता इमरान मिर्ज़ा एक बिल्डर और एक क्लब क्रिकेटर थे और माँ नसीमा प्रिटिंग बिजनेस में काम किया करती थी।

उनके जन्म के बाद ही फैमिली मुंबई से हैदराबाद को माइग्रेट हो गई। यहीं उनकी छोटी बहन अनम मिर्ज़ा का जन्म हुआ।

Childhood

वहाँ उनकी स्कूली शिक्षा NASR School से होने लगी। स्पोर्ट्स बैक्ग्राउण्ड वाले फैमिली से होने के बावजूद पढ़ाई को ज्यादा पसंद करने वाली सानिया अपनी बचपन के बारे में कहती है,

मेरा बचपन एक सामान्य बचपन के समान था। मैं रोज स्कूल जाती थी। मुझे पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता था। इसलिए प्लेग्राउंड में बेहद कम ही निकलती थी। एक दिन स्कूल की हेडमिस्ट्रेस ने मुझे बाहर खेलने के लिए मना ली। जब मैंने कोर्ट में टेनिस रैकेट को थामा तो मुझे अहसास हुआ कि मेरे पास Special Talent है। जब मैं मात्र छह वर्ष की थी, तब से मैं टेनिस में Full Time के लिए Involve हो गई। मेरे पीछे मेरे पैरेंट्स ने भी बहुत मेहनत की। उनकी उपस्थिति में क्लब टूर्नामेंट, अंडर 8, 10 स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की कई मैचस खेली और जीती। जब मैं 12-13 की हुई तो मैं इसे एक कैरियर के रूप में देखने लगी।

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Tennis Training

शुरुआत में क्लब क्रिकेटर रहे सानिया के पिता ही कोच की भूमिका निभाने लगे। बाद में सानिया Roger Anderson से ट्रेनिंग लेने लगी।

Sania Mirza की राह आसान ना थी। वो एक छोटे से शहर से थी और टेनिस खेल भारत में पोपुलर खेल नहीं था।

जिसके कारण हैदराबाद में प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम नहीं मिलता था। लोग तरह-तरह के ताने मारते थे, कोई कहता, “क्या आपकी बेटी मार्टिना हिंगीज बनेगी ?” तो कोई कहता है, “यह आउट फील्ड में खेलकर काली हो जाएगी, तब इससे कौन शादी करेगा ?”

सानिया बचपन से ही बेबाक थी। वह अपने फैमिली के सपोर्ट के कारण इस तरह के तानों और अल्फ़ाजों का जोरदार जवाब देती थी।

कोर्ट पर जितनी सानिया पसीना बहाती, उससे कहीं ज्यादा उनके पैरेंट्स अपनी बेटियों को पूरी सुविधा जुटाने में पसीना बहाते थे। जिसके बारे में खुद सानिया कहती है,

मेरे पैरेंट्स डिफ़ेरेंट सोच के है। इसलिए उन्होंने कभी बेटा नहीं चाहा। जब मैं कहीं प्रैक्टिस करती तो वह दिन-दिन भर ग्राउंड में बैठ मेरा इंतजार करते थे। जब कभी मेरा टूर्नामेंट किसी दूसरे सिटी या राज्य में होता तो मैं पिता या माँ के साथ कार से ट्रेवल करती थी, क्योंकि दोनों में से एक को छोटी बहन की ख्याल रखने के लिए घर पर ही रहना पड़ता था।

Tennis Career

लगातार मेहनत और टैलंट के बल पर सानिया जूनियर लेवल की पक्की खिलाड़ी बन गई थी, जिसके बल पर वह 10 सिंगलस और 13 डबल्ज टाइटल्स जीतने में कामयाब रही।

15 साल की उम्र में अप्रैल 2001 में ITF Circuit से डेब्यु की। वहाँ वह पहली बार में ही क्वार्टर फाइनल और न्यू दिल्ली में सेमीफाइनल तक पहुँचने में सफल रही।

जल्द ही 2002 के Asian Games में लिएंडर पेस के साथ मिक्स डबल खेलने का मौका मिला, जहां उनकी जोड़ी ने ब्रोंज मेडल पर कब्जा किया और हैदराबाद में आयोजित 2002 Afro-Asian Games में 4 गोल्ड मेडल जीत कर दुनियाँ को अपनी मजबूत इरादों से रूबरू करा दी।

जिसका पुख्ता सबूत उन्होंने 2003 के Wimbledon Championships Girls’ Doubles जीतकर  और US Open Girls’ Double के सेमीफाइनल में पहूंच कर दी।

2004 में उन्हें AP Tourism Hyderabad Open में Wildcard एंट्री मिली। जहां Nicole Pratt के हाथों सिंगल मैच में हार गई, पर अपनी पहली WTA Doubles Title जीतने में कामयाब रही।

2005 सानिया के लिए बेहतरीन था, एक तरफ उन्हें Australian Open के तीसरे राउंड में World Champion Serena Williams के विरुद्ध खेलने का मौका मिला तो AP Tourism Hyderabad Open में WTA Single Title जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी।

2006 उनके सिंगल कैरियर के लिए किसी बुरे सपने से कम ना था, जहां उन्हें एक भी जीत नसीब नहीं हुई। केवल डबल और मिक्स डबल मैचों में ही कमाल कर सकी।

इस तरह उस साल डबल कैटेगरी में Bangalore Open और Sunfeast Open ही जीत सकी।

इस साल की तरह 2007 भी रहा, जहां चार डबल्स टाइटल्स जीतकर डबल मैचों में अपने तारे चमकाने में कामयाब रही।

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High Ranking वाली खिलाड़ियों से टक्कर

2008 उनके जीत से नहीं, बल्कि बड़ी खिलाड़ियों के टक्कर से भरा-पड़ा रहा। इस साल 31वीं रैंक के साथ Australian Open में No- 8 की Venus Williams से हार हुई, तो Indian Wells में World No-9 Shahar Peer को हराकर शानदार पलटवार की। पर अगले ही मैच में World No-5 Daniela Hantuchova के हाथों हार का स्वाद चखना पड़ा।

इस हार की काली साया का असर 2008 के बीजिंग ओलिम्पिक पर भी पड़ा, जहां उन्हें सिंगलस में कोहनी के चोट के कारण और डबल्स में हार के कारण बाहर होना पड़ा।

अंतत: हार की यह ट्रेन MPS Group Championships में जा रुकी, जहां लंबे अरसे बाद डबल्ज जीती। साथ ही 2009 में Fifth Third Bank Tennis Championships भी जीती।

कहते है,

लंबे संघर्ष के बाद किसी भी खिलाड़ी की राहे आसान हो जाती है।

पर यह बात Sania Mirza के खेल पर लागू नहीं होती। बड़े-बड़े उपलब्धियाँ हासिल होने के बाद भी 2010 में सिंगलस मैचों में हार और कोहनी के इंजरी से जूझना पड़ा।

इस साल उन्हें कॉमनवेल्थ और एशियन गेम के डबल मैचों में ब्रोंज मेडल से संतुष्ट करना पड़ा।

Tennis Doubles की Expert बनी

2011 मिश्रित परिणामों वाला साल रहा। इस साल रूसी खिलाड़ी एलिना वेसनिना के साथ पार्टनर्शिप कर Indian Wells, Family Circle Cup, WTA Tour Doubles, Mutua Madrid Open जीतने में सफल रही।

पर वो हमेशा की तरह से सिंगल्स मैचों में अपने हार पर काबू ना पा सकी और 2012 में फ्रेंच ओपन के मिक्स डबल्ज में महेश भूपति के साथ फ़ाइनल जीतकर अपने कदम Doubles Specialization की ओर बढ़ाने लगी।

सिंगल्स में मिल रही लगातार हार और डबल्स में मिल रही लगातार जीत से उन्होंने निश्चय कि अब डबल्स पर ही ध्यान देगी। जिसका सुखद जल्दी ही 2013 में मिला, जब वो विभिन्न खिलाड़ियों के साथ जोड़ी बनाते हुए 5 WTA Titles जीतने में कामयाब रही।

2014 में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए Asian Games के Doubles में ब्रोंज और Mixed Doubles में Gold जीती। साथ ही कारा ब्लैक के साथ जोड़ी बनाते हुए WTA की टाइटल्स जीती, जो साल की सबसे बड़ी जीत थी।

इसी साल International Premier Tennis League का शुभारंभ हुआ, जिसमें रोजर फेडरर, रोहण बोपन्ना, एना इवानोविच जैसे दुनियाँ के बेहतरीन टेनिस लिजेंड्स ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में रोहण बोपन्ना के साथ खेलते हुए मिक्स्ड डबल्स टाइटल को अपने नाम कर अपनी वर्चस्व को कायम रखी।

जब World No. 1 बनी

2015 की शुरुआत वर्ल्ड नं. 6 से की थी। पर स्विस लिजेंड मार्टिना हिंगिस के साथ जोड़ी बनाते हुए ना केवल Indian Wells, मियामी मास्टर्स, Family Circle Cup जीती, बल्कि अपने से हाई रैंकिंग वाली खिलाड़ियों को हराकर अपनी रैंकिंग को 6 से 5 और 5 से 3 और अप्रैल 2015 में World No -1 बन गई। इसी के साथ ऐसा करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई।

पहली Grand Slam जीत

World No- 1 होने के कारण वह नए जोश और उम्मीदों से लवरेज थी, जो अपनी सफलतायों के आसमां में एक बड़ी स्टार लाने की जदोजहद में थी। जिसमें उन्हें जल्द ही बड़ी सफलता मिली।

जब अपनी पार्टनर मार्टिना हिंगीज के साथ पहली Grand Slam  जीतने में कामयाब रही।

World No-1 और पहली Grand Slam  की जीत की पार्टी अभी खत्म भी नहीं हुई थी, सानिया ने हिंगीज के साथ मिलकर 2016 की WTA Tour जीतकर देशवाशियों को एक ओर सेलिब्रेशन का मौका दे दी।

इसी तरह वो अपने पार्टनर के साथ St. Petersburg Ladies’ Trophy, Cincinnati Masters और Conneticut Open को जीतकर ही दम ली।

  • Read Also : कैसे अंधेरे में स्कूटर की हेडलाइट के सहारे बॉलिंग प्रैक्टिस कर फिरकी किंग बना ?

Personal Life

Sania Mirza स्वभाव से बेबाक और खुशमिजाजी है। उनके पास हर सवाल का जवाब होता है, जिसकारण वह अपने शुरुआती दिनों में दोयम दर्जे की सोच रखने वाले लोगों को आसानी से हैंडल करती थी।

2009 में बचपन के मित्र सोहराब मिर्ज़ा के साथ सानिया की एंगेजमेंट हुई, पर यह रिश्ता शादी तक ना जा सका।

पर कुछ महीनों बाद ही उनका रिश्ता सीमा पार पाकिस्तानी क्रिकेट स्टार शोएब मालिक के साथ तय हुआ। यह शादी 12 अप्रैल 2010 को हैदराबाद बाद के ताज कृष्ण होटल में संपन्न हुआ।

इस शादी को मीडिया का खूब कवरेज मिला था, जिसके कारण सानिया 2010 की टॉप सर्च करने वाली खिलाड़ी थी।

अन्य काम

Sania Mirza टेनिस खेलने के साथ दूसरों को टेनिस सीखाने में भी रुचि रखती है। वो अपने शहर हैदराबाद में टेनिस अकैडमी खोल चुकी है। जिसमें वह इच्छुक बच्चों को टेनिस के गुर सिखाती है। उनके इस अकैडमी का कई बार दौरा कभी उनकी पार्टनर रही कारा ब्लैक और मार्टिना नवरातिलोवा भी कर चुकी है।

इसके अलावा वो सानिया कई संगठन जैसे UN  Women और तेलंगाना की ब्रांड अम्बेसेडर रह चुकी है।

बचपन में जो लोग उन्हें खेल के कारण ब्लैक स्किन होने के बताते थे, आज सानिया अपनी खूबसूरती के कारण ही विभिन्न Occasions पार रैम्प वॉक भी करती है। जो उन लोगों के लिए जोरदार तमाचा है।

Quick Fact

Name – Sania Mirza
Real Name – Sania Mirza Malik
Date of birth – 15 November 1986
Age – 30 Years (2016)
Place of birth – Mumbai, Maharashtra
Height – 5’6”
Weight – 57 Kg

Family

Father – Imran Mirza
Mother – Nasima Mirza
Sister– Anam Mirza
Husband – Shoaib Malik

कुछ सवाल जबाव

आपकी पसंदीदा एक्टर

अक्षय कुमार, सलमान खान और अर्जुन रामपाल

आपकी पसंदीदा एक्ट्रेस
करीना और काजोल

आपकी पसंदीदा फिल्म
फूल और कांटे, मोहरा, मैंने प्यार किया, कभी खुशी कभी गम, कयामत से कयामत तक और कुछ कुछ होता है।

आपकी पसंदीदा डेस्टिनेशन
लंदन, पेरिस और थाईलेंड

आपकी पसंदीदा भोजन
हैदराबादी बिरयानी

  • Read Also : आखिर कैसे बना Ticket Checker से World Cup Taker ?
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Filed Under: Sports Persons

Comments

  1. kadamtaal says

    Dec 22, 2016 at 9:52 PM

    Sania ke sangrash ki behtareen jankari hai…. thank you

    Reply

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