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अब लग रहा है, सही मायनों में इंडिया में महिलाएं आगे बढ़ रही है। 2015 को इरा सिंघल, 2016 को टीना डाबी और इस बार भी UPSC में महिलायों का वर्चस्व कायम रखते हुए अपने चौथे प्रयास में Nandini KR ने टॉप किया। इसके साथ ही वो कर्नाटक से UPSC Topper बनने के 17 साल के लंबे सूखे को भी खत्म कर दी।
Nandini KR UPSC Topper Wiki

Parents
26 वर्षीय नंदिनी केआर का जन्म कर्नाटक के कोलर जिले के केंबोदी गाँव में हुआ था। उनके पिता रमेश केवी एक हाई स्कूल टीचर है और माँ विमला केवी घर संभालती है।
Childhood & Education
बचपन के बारे खुद Nandini KR बताती है कि उन्हें बचपन से ही पढ़ना-लिखना बेहद पसंद था, खासकर कन्नड साहित्य में रुचि ज्यादा थी और आईएएस बनाना उनका बड़ा सपना था।
जिसकी छाप उनके दसवीं के नंबर्स में साफ देखने को मिलता है। नंदिनी ने दसवीं कन्नड़ मीडियम स्कूल से की थी और 96.8 प्रतिशत की भारी अंकों से एक्जाम पास की।
इसी तरह नंदिनी की लगन जारी रही, उन्होंने बेंगलुरु के एम. एस. रमैया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से 9.8 की उम्दा CGPA Marks से Civil Engineering पास की।
UPSC Preparation
दिसंबर 2014 को कर्नाटक के पीडबल्यूडी विभाग में सिविल इंजीनियरिंग के पद पर कार्यरत हुई। लेकिन वो ऐसा करते हुए अपने बचपन के आईएएस बनने के सपने को नहीं छोड़ी और 2013 से ही देश के सबसे प्रतिष्ठित एक्जाम UPSC की तैयारी करने लगी।
पर 2014 में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। पर वो रुकी नहीं। आखिरकार 2015 में 849वीं रैंक आई तो इंडियन रेविन्यू सर्विस जॉइन कर ली।
लेकिन कहीं ना कहीं वो अपने रैंकिंग से संतुष्ट नहीं थी।
UPSC Rank NO-1
इसलिए वो 2016 में भी प्रयास की, पर सफलता हाथ से छूट गया, लेकिन 2017 को अपने चौथे प्रयास में वो स्थान पा गई, जिसे वो सपने में भी नहीं सोच सकी।
इस बारे नंदिनी केआर कहती है,
31 मई को शाम के करीब 7:30 बज रहें होंगे, मैंने कंप्यूटर ओपन की और रिजल्ट चेक की। मैंने देखा, परिणामों में मेरा नाम सबसे ऊपर है, मैं इस पर विश्वाश ना कर सकी।
तब कुछ देर बाद मेरे फ्रेंड्स के फोन-कॉल आने लगे और मेरे टॉप होने की बात कहने लगे। तब मैं समझ गई कि मेरे चार साल के मेहनत ने रंग ले आई
Success Secret
आगे Nandini KR ने अपने सफलता के राज खोलते हुए बोली,
2013 में मैंने केवल Studies की थी और मेरी Writing Speed कम थी, जिसके कारण उस साल यूपीएससी क्लियर ना कर सकी। फिर मैं Writing Speed में सुधार करने लगी और अपने तैयारियों को पैनी करने के लिए बंगलोर के एक कोचिंग सेंटर को जॉइन कर ली।
फिर मैं नियमित और धैर्यपूर्वक पढ़ाई की, जिसके बीच 2015 और 2016 में मनभाविक परिणाम नहीं मिले।
फिर भी मैंने इसे जारी रखी और 2017 में सपने से कई ऊंची सक्सेस मिली
इसके अलावा नंदिनी कहती है,
मैं रोज जिनसे से भी मिलती थी, उनसे इन्सपायर होती थी, क्योंकि हर किसी से कुछ ना कुछ सीखने को मिलता था।
UPSC के दौरान सबसे मुश्किल दौर
जब उनसे पूछा गया कि इस गौरवमयी सफलता के रास्ते में सबसे मुश्किल दौर कौनसा था, तो वो इसके जवाब में कहती है,
जब मैं शुरुआत में दो बार फेल हुई तो low feel करने लगी थी। पर कभी दबाव में नहीं आई
UPSC 2017 Topper Nandini KR’s Message
अंत में नंदिनी केआर रीडर्स को संदेश देना चाहती है,
जीवन में कभी फेल होने से दुखी नहीं होना चाहिए और आगे देखें और दुबारा प्रयास करें, जो आप चाहते है।
If you like it, please share and comment. 🙂
Tattba Khan says
Wow
HindIndia says
बेहतरीन लेख … तारीफ-ए-काबिल … Share करने के लिए धन्यवाद। 🙂