Hindi-Biography.com

Treasure of Info

  • Home
  • 26 Jan Quotes
  • 26 Jan Status
  • 26 Jan Speech
  • 26 Jan Poem
  • 26 Jan Essay

आखिर क्या हुआ था इतिहास में, जानिए रानी पद्मावती की पूरी कहानी

By : Ravi Kumar

भारत की भूमि जितनी महात्मा गांधी, भगत सिंह जैसे वीरपुरुषों के लिए जानी जाती है, उतनी ये धरती रानी लक्ष्मी बाई, सरोजनी नायडू जैसे वीरंगनायों के लिए भी जानी जाती है। इन्हीं में एक नाम प्रमुख है-

रानी पद्मावती, Rani Padmavati ya Padmavat ya Padmini 

रानी पद्मावती इतनी विरंगना थी कि जिनके लिए ये सुंदर लाइने कही जाती है –

“वीरांगना जिसने अपनी शान के लिए जान दे दी

वीरांगना जो दिल्ली के सुल्तान के सामने नहीं झुकी।”

अनुक्रम

  • Rani Padmavati History
    • Childhood & Parents 
    • Marriage 
    • जौहर की कहानी का प्रारंभ (अपने ही सेवक का छल)
    • खिलजी का छल 
    • वीरंगनायों का जौहर 

Rani Padmavati Historyrani padmavati history in hindi1

[eh_optimize_youtube_embed video=”https://www.youtube.com/watch?v=8YaF2m7hCx0″ banner=”http://img.youtube.com/vi/8YaF2m7hCx0/maxresdefault.jpg”]

Childhood & Parents 

ऐसी वीरांगना रानी पद्मावती का जन्म 12-13 वीं सदी में सिंघल प्रांत (श्रीलंका) में हुआ था। जहां उनके पिता गंधर्वसेन वहाँ के राजा थे और उनकी माँ चंपावती रानी थी। रानी पद्मावती का बचपन में पद्मिनी नाम था। जिन्हें बाद में Padmavat के नाम से भी जाना गया। वे बाल्यकाल से ही बहुत सुंदर थी। वे अपने पिता की तरह निडर और युद्ध कौशल सीखने में रुचि रखती थी।

  • भारत का एक ऐसा वीर पुत्र जो मातृभूमि के लिए रक्त की अंतिम बूंद तक लड़ता रहा। कौन है वो ?

Marriage 

जब पद्मिनी युवा हुई तो उनके पिता ने उनकी शादी के लिए स्वयंवर प्रतियोगिता करवाया। जिसमें भारत देश के राज्यों के कई राजा आए। जिसमें विवाहित राजा रावल रत्न सिंह भी आए, जो वीर भूमि चित्तोडगढ़ के राजा थे।

वे अपनी चतुराई और वीरता से इस प्रतियोगिता में विजयी रहे। तब उनकी शादी पद्मिनी के साथ धूम-धाम के साथ हो गई। फिर राजा रावल सिंह अपनी दूसरी रानी पद्मिनी के साथ अपने राज्य चले गए।

  • कभी गूंगी गुड़ियाँ कहलाने वाली आयरन लेडी, कैसे बनी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री ? 

जौहर की कहानी का प्रारंभ (अपने ही सेवक का छल)

अब उनका शासन-प्रशासन बड़े खुशी के साथ चल रहा था। उनके राज्य में राघव चेतन नाम का बहुत फेमस संगीतकार था। जिसके बेहतरीन कला-कौशल के कारण राजा उन्हे खूब मानते थे।

पर संगीतकार राघव चेतन संगीत के अलावा जादू-टोना में भी रुचि रखता था। जिसका वह आए दिन प्रयोग करता रहता था।

जिसकी खबर राजा को लगी तो उन्होंने राघव चेतन को काला मुंह कराके देश निकाला का आदेश दे दिया।

अपने अपमान को राघव सहन नहीं सका और मन ही मन में राजा रावल सिंह के विनाश को लेकर प्रतिज्ञा कर ली।

इसलिए उसने उस वक्त के खूंखार और अत्याचारी राजा अलाउद्दीन खिलजी से मिलने का मन बना लिया। तब वह दिल्ली चला गया

वहाँ जाकर, वो खिलजी से चित्तोडगढ़ की धन-संपदा, सैन्य-शक्ति और रानी पद्मावती की खूबसूरती के बारे में बताया। जिससे सुल्तान बहुत मोहित हुआ और रानी पद्मावती की एक दीदार करने का मन बना लिया।

तब खिलजी अपनी पूरी सेना के साथ चित्तोडगढ़ आ गया। वहाँ किले के सामने डेरा जमा लिया। लेकिन महीनों बिताने के बाद वो किले में नहीं घुस नहीं सका, क्योंकि किले को इस तरह बनाया गया कि जरूरत की सभी समान अंदर ही मिले।

तब खिलजी निराश होकर राजा रावल सिंह एक पत्र लिखा, “हम एक बार रानी पद्मवाती का दीदार करना चाहते है। जिसके बाद हम लौट जाएंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो खून की नदियां बहेगी।“

इस पत्र को पाकर राजा रावल सिंह और रानी पद्मावती बहुत गुस्से हुए, पर जनता की भलाई को ध्यान में रानी पद्मावती राजी हो गई। पर एक शर्त रखी कि सुल्तान उन्हें एक आईने के माध्यम से देख सकता है।

इसकी सूचना सुल्तान को दी गई। सुल्तान राजी हो गया। किले में एक बड़ा सा आईना लगाया। रानी पद्मावती सीढ़ियों पर आई। तब सुल्तान ने उन्हें आईने में दीदार किया और महल से जाने लगा।

तब राजा रावल सिंह से अथिति देवों भव: की परंपरा निभाते हुये सुल्तान को किले के गेट तक छोड़ने गए।

खिलजी का छल 

पर उन्हें पता ही नहीं चला कि वे कब किले से बाहर पहाड़ियों में आ गए। तब सुल्तान ने धोखे से उन्हें बंदी बना लिया।

तब सुल्तान ने रानी पद्मावती को पैगाम भिजवाया कि अगर राजा की सलामती चाहती है तो रानी पद्मावती सुल्तान के पास आ जाए।

तब रानी बहुत चिंतित हुई, पर धैर्य के साथ काम ली। उन्होंने मायके में अपने सबसे भरोसेमंद और बुद्धिमान व्यक्ति कोरा को बुलावा भेजी।

कोरा अपने भतीजे बादल सिंह के साथ चित्तोडगढ़ आकर राजा रावल सिंह को छुड़ाने का रणनीति बनाया।

शाम को किले से 100 पालकियां को खिलजी के डेरे की ओर भेजा गया और खिलजी को पैगाम दिया गया कि इनमें रानी की सहेलियाँ है, जो राजा रावल सिंह से अंतिम बार मिलना चाहती है।

रानी की पालकी को सीधे राजा रत्न सिंह के तम्बू में भेजा गया। जहां राजा रत्न सिंह क्षमा मांगने लगते है। तभी अंदर से आवाज आई, मैं कोरा का भतीजा बादल हूँ। तब वो राजा को आजाद कर देता है।

वीरंगनायों का जौहर 

इस बीच खिलजी को इस बारे में पता चलता है, तब तक राजा किला पहुँच चुके होते है। पर अब आमने-सामने की सीधी लड़ाई छिड़ गई। जिसमें राजा रावल सिंह अपनी सेना के साथ बहादुरी के साथ लड़ते है।

पर वे भली भांति जानते थे, सुल्तान के विशाल सेना के आगे ज्यादा देर टीक ना पाएंगे। इस बार को रानी भी अच्छी तरह से जानती थी। इसलिए किले में बड़ा सा चिता बनाया गया। जिसपर रानी सहित किले के सभी महिलायों ने जौहर कर ली।

जब खिलजी युद्ध जीता और महल में प्रवेश किया तो उसे वहाँ कुछ भी नहीं मिला।

ऐसी थी रानी पद्मावती जिसने अपने आन-बान शान के लिए जान तक दे दी।

This story is based on the poem of Malik Muhammad Jayasi in 1540 CE.

यदि आप इस पोस्ट को लाइक करते है तो जरूर शेयर करे। A

Spread the love

Related Posts

  • bhagat singhकौन था ? जिसने मात्र 3 साल की उम्र में अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था | Bhagat Singh की पूरी कहानी
  • Kamala-dasKamala Das Biography
  • B R Ambedkarजिसे कुओं से पानी पीने और मंदिरों में प्रवेश पर बैन था, उसी ने बनाया आधुनिक भारत
  • Pandit Vishnu Sharmaजन्तु कथा से इंसानों को सुधारने वाले विष्णु शर्मा की कहानी

Filed Under: Historical Persons

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Search The Blog & Hit Enter

Join Us on Social Sites

Facebook
Twitter
Youtube

Latest Posts

  • [Best 5] सरस्वती वंदना श्लोक-मंत्र With Vandana Images
  • Best 21 बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं इमेज Wallpaper
  • [Best 41]Basant Panchami Wishes Quotes-Status in Hindi
  • Best 4 Saraswati Puja Par Nibandh-Basant Panchami Essay
  • Abdu Rozik Age Bio in Hindi, Height, Weight, Family, Song

Copyright © 2023 · About Me · Contact Me · Privacy Policy · TOS · Disclaimer · Sitemap · DMCA.com Protection Status