भारत दुनियाभर में अपनी विविधता में एकता के लिए पोपुलर है। लेकिन साल के हर दिन पड़ने वाले अपनी रंग-बिरंगी त्यौहार के लिए बहुत जानी-जाती है। जिसमें रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण फेस्टिवल है। इस पर आपको Homework भी मिला होगा। इसलिए हम आपके लिए इस पोस्ट में 4 Essay प्रस्तुत कर रहे है। जिसे सभी क्लास के स्टूडेंट उपयोग कर सकते है-
अनुक्रम
Raksha Bandhan Essay
रक्षाबंधन पर निबंध (100 शब्द)
रक्षा बंधन भाई-बहन का त्यौहार है। ये त्यौहार श्रवण मास (जुलाई – अगस्त) की गुरु पुर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करके आरती उतारती है और रेशम का धागा या राखी भाई के दाये हाथ पर बांधती है और भाई से उपहार के रूप में आजीवन अपनी रक्षा का वचन लेती है,
साथ ही पैसे और अन्य उपहार प्रस्ताव रखती है, जिसे भाई खुशी-खुशी पूरा करता है। रक्षा बंधन शब्द अर्थ ही है, रक्षा करने का बंधन। इस त्यौहार को सम्पूर्ण भारत में सभी धर्म के लोग मानते है।
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रक्षा बंधन पर निबंध (200 शब्द )
रक्षाबंधन हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। ये त्यौहार श्रावण मास की पुर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम का धागा बांधती है, जिसे राखी कहते है, साथ ही बहन अपने भाई के लंबे उम्र के कामना करती है। भाई अपने बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा का वचन देता है।
रक्षाबंधन का त्यौहार भारत-वर्ष में सदियों से मनाया जाता रहा है। अब यह स्वरूप जरुर बदल गया है। पर मूल भाव वही है। जब बहादुर शाह ने मेंवाड़ की रानी कर्णावती पर सन 1535 में आक्रमण कर दिया था।
तब रानी ने मुस्लिम राजा हुमायु को राखी भेज कर मदद की गुहार लगाई और मेंवाड़ की रक्षा के लिए रानी स्वंय ही युद्ध के मैदान में कूद गई। तब राजा हुमायु भाई का फर्ज निभाने का पूरा आश्वासन और गिफ्ट दिया। लेकिन उस वक्त हुमायु का डेरा ग्वालियर में था। जिस वजह से चित्तौड़गढ़ की रक्षा करने में बहुत देर हो गई।
भारत के राजस्थान राज्य में इस त्यौहार को इस बड़ी वजह से मनाया जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन से राखी बंधवाने के लिए दूर-दूर से आते है। भारत के अलग-अलग राज्यों में इस त्यौहार के मनाने के अलग- अलग कारण है।
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रक्षाबंधन पर (300 शब्द)
रक्षाबंधन भारत का वह त्यौहार है, जो हिन्दू धर्म के साथ – साथ सभी धर्म और संप्रदाय के लोग मानते है। इस त्यौहार श्रावण मास (जुलाई – अगस्त) की पुर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधने के लिए ससुराल से आती है।
भाई भी अपनी बहन से राखी बँधवाने के लिए भले ही परदेश में पढ़ने या कमाने गया हो। लेकिन इस दिन भाई – बहन का प्यार परस्पर एक – दूसरे को मिला ही देता है।
बहन भाई की आरती उतारती है और तिलक लगाती है और दाहिने हाथ में राखी बांध कर मिठाई खिलाती है। फिर भाई सरप्राइज़ गिफ्ट देता है और साथ ही आजीवन रक्षा का वचन भी देता है। इस दिन को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
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इस त्यौहार की अनेक पौराणिक गाथाए है, जैसे 1535 में हुमायु के द्वारा मेंवाड़ की रानी कर्णावती की औरंगजेब से रक्षा करना। परंतु हुमायूँ की सहायता भी रानी कर्णावती को सफलता नही दिला पाती है।
महाभारत में एक युद्ध के दौरान जब श्री कृष्ण की तर्जनी अंगुली में चोट लग जाती है, द्रोपदी अपने साड़ी आँचल को फाड़ कर बांध देती है। इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने आजीवन रक्षा करने का वचन देते है और जब द्रोपति का भरी सभा में चीर हरण के समय श्री कृष्ण उनकी रक्षा भी करते है।
एक अन्य प्रसंग में श्री कृष्ण ने युधिष्टिर को अपनी और अपने सेना के रक्षा के लिए राखी का त्यौहार मनाने की सलाह देते है।
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रक्षाबंधन पर निबंध (600 शब्द)
प्रस्तावना :- रक्षाबंधन अर्थात रक्षा करने का बंधन। ये त्यौहार हमें रक्षा करने का धर्म सिखाती है। इस कारण ये त्यौहार सभी धर्मो के द्वारा मनाया जाता है। “बहना ने भाई के कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार के दो तार से सारा संसार बाँधा है।”
इस दो पंक्तियो में राखी के त्यौहार का महत्व को बताया गया है। रक्षाबंधन का यह त्यौहार श्रावण मास की पुर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता है।
रक्षाबंधन मनाने की विधि :- यह त्यौहार जुलाई-अगस्त के (श्रावण मास) पुर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन शुभ मूहर्त के अनुसार सबसे पहले बहन राखी की थाली सजाती है।
फिर भाई की आरती उतार कर माथे पर तिलक करके भाई के दाहिने हाथ पर राखी (रेशम का धागा) बांध कर भाई को मिठाई खिलाती है। फिर भाई बहन को उपहार देता है और साथ ही आजीवन रक्षा करने का वचन भी देता है।
इस दिन भाई राखी बँधवाने के लिए कही से भी चला आता है। बहन भी पीछे नही रहती है वो भी ससुराल से अपने पति को साथ ले कर अपने भाई के पास राखी बांधने के लिए चली आती है। यह त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, मलेशिया और उन देशों में भी मनाया जाता है, जहां भारतीय रहते है।
रक्षाबंधन का इतिहास :- इस त्यौहार से पूरा इतिहास भरा पड़ा है। अब राजस्थान का ही ले लो। सन 1535 में जब औरंगजेब ने मेंवाड़ पर आक्रमण कर दिया। तब वहाँ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूँ को पत्र में राखी भेज कर मदद मांगी।
तब हुमायूँ मुगल राजा होते हुये भी हिन्दू राज्य के रक्षा करने के लिए वह खुद आगे गए। ये अलग बात है कि फिर भी रानी कर्णावती वीरगति को प्राप्त हो गई।
एक और प्रसंग महाभारत में मिलता है। जिसमें एक असुर का वध करते समय श्री कृष्ण की तर्जनी अंगुली घायल हो गई थी। इसे देख कर द्रोपदि ने अपनी साड़ी का आँचल फाड़ कर बांध दिया था। तत-पश्चात श्री कृष्ण जी द्रोपदि को रक्षा करने का वचन देते है और जब भरी-सभा में द्रोपदि के चीर-हरण के समय उनकी रक्षा भी करते है।
और महाभारत के दूसरे प्रसंग में जब युधिष्टिर बहुत ही परेशान होते है तो श्री कृष्ण जी राखी का त्यौहार मनाने की सलाह दी थी। ये सलाह कारगर भी साबित हुई।
रक्षाबंधन का बदलता स्वरूप :- प्राचीनकाल में गुरु व ब्राह्मणों द्वारा अपने शिष्य व यजमान को राखी बाँधी जाती था और सबसे छोटी पुत्री द्वारा पिता को भी राखी बाँधी जाती थी। परंतु इनका अब लोप हो चुका है। प्राचीन काल से जो त्यौहारों की विधि व नियम है, वह हमारे व हमारे धर्म के रक्षक है। उन्हें हमें नहीं बदलना चाहिये।
अब पर्यावरण के रक्षा के लिए पेड़ो को भी राखी बाँधी जाती है। देश की सीमा पर तैनात सिपाहियो को भी राखी बांधी जाती है। आपसी रंजिश मिटाने के लिए राजनेता भी एक-दूसरे को राखी बांधते है।
उपसंहार :- राखी का त्यौहार भाई-बहन के लिए बहुत ही महत्व रखता है क्योकि भाई-बहन का रिश्ता खट्टा – मिट्ठा होता है। भाई बहन जीवन भर एक साथ नही रह पाते है। इस लिए भी ये त्यौहार उनके जीवन में बहुत ही विशेष स्थान रखता है।
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