हेलो दोस्तों , कैसे हो आप? आशा हैं की आप सभी खुश होंगे| आज इस पोस्ट में आपका तहे दिल से स्वागत करता हूँ। आप इस पोस्ट में Berukhi Shayari को जानेंगे,
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यह साल 2023 का है, इसलिए मैं आपको इस बात की गारंटी देता हूँ, आपको इस पोस्ट में Latest Quotes & Shayari मिलेगी, जो आपको कहीं ओर देखने को नहीं मिलेगी, तो चलिये इस पोस्ट को शुरू करते है-
Berukhi Shayari

#जब जब मुझे लगा मैं तेरे लिए खास हूं,
तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया मै झूठी आस में हूं!!!
#तुम्हारी बेरुखी के बाद खुद से भी बेरुखी सी हो गई,
मै जिंदगी से और जिंदगी मुझसे अजनबी सी हो गई!!!
#प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नही,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नही,
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मदत से हमे उसने सताया भी नही!!!
#सुकून ऐ दिल को नसीब तेरी बेरुखी ही सही,
हमारे दरमिया कुछ तो रहेगा चाहे वो फासला ही सही!!
#वो लफ्ज़ खा से लाऊ जो तुझको मोम कर दे,
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरुखी से!!!
#बेरुखी उसकी जफा उसकी नदामत उसकी,
उसकी नजरो से जलकती है शराफत उसकी!!!
#अभी कमजोर हू तो कमजोर ही रहने दो,
यूं बेरुखी से तो मैं भी पत्थर हो जाऊगा!!!
#उदास क्यों होता हैं ऐ दिल उनकी बेरुखी पर,
वो तो बड़े लोग है अपनी मर्जी से याद करते हैं!!!
#देखो ये बेरुखी प्यार की अदाएं,
बेकरार दिल को और बेकरार करती हैं,
हसरतों के दीप जल तो रहे हैं,
मचलने को रोशनी तेरा इंतजार करती हैं!!!
#तुम्हारी बेरुखी ने लाज रख ली बादाखाने की,
तुम आखों से पीला देते तो पैमाने कहा जाते!!!
#ऐसी भी क्या बेरुखी है जो बात नही करते हो,
आंखे दो चार करके इजहार नही करते हो!!!
#उनकी बेरुखी को मेरी गैरत ने कुछ यू संभाला,
कि मुस्कुरा के मै खुद मोहब्बत से मुकर गया!!!
#हमारी बेरुखी अब इस कदर बढ़ गई हैं,
तुमसे बात तो मुमकिन है पर हम कोशिश नही करना चाहते!!!
#हमे लगा आपको मोहब्बत है हमारी बातो से,
पर आपकी चाह हमारी बेरुखी थी!!!
#वाकिफ है हम बा खूब तेरी बेरुखी से यारा,
पर इस दिल का क्या करे ये पागल तो तेरी इबादत में है!!!
#आखिर दूर यूं हम से कब तक रह पाओगे मिलना
पड़ेगा आखिर कभी जरूर हमसे नजरे चुराने वाले ये
बेरुखी कैसी कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे!!!
#अब शायद उसे किसी से मोहब्बत जरूर हो,
मै छीन लाया हूं उस से उम्र भर की बेरुखी!!!
#तेरी बेरुखी से अब ये दिल दुखता हैं,
मुझे आदत सी है प्यार वाला कोई मिलता नही!!!
#तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारते मेरी,
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गई हू!!!
#इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,
तेरे किए वादों का इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अधुरी क्यों रह गई तुम्हारी यह बेरुखी,
अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी हैं!!!
#नमक भी छिड़क कर देखो जख्मों पर,
तेरी बेरुखी ज्यादा दर्द देती है!!!
#आदत उनकी कुछ इस तरह हो गई,
उनकी बेरुखी से भी मोहब्बत हो गई!!!
#सोचते हैं हम भी सीखले बेरुखी करना,
हमने अपनी कदर खो दी है हर एक को मोहब्बत देते देते!!!
#वो हमसे खफा बैठे हैं क्योंकि गलती से वो
किसी और की बातो में आ बैठे हैं!!!
#रिश्तों में इतनी बेरुखी भी अच्छी नही,
देखना कही मानने वाले ही न रूठ जाएं तुमसे!!!
#बेवक्त बेवजह बेबस सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी!!!
#काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमे यू रुसवा न किया जाता,
ये बेरुखी भी उनकी मजबूरी थी हमे,
बस एक बार समझ तो लिया होता!!!
#इतना बेरुखी से क्यों पेश आते हो,
हमे हक ना सही पर इश्क तो है!!!
#देखी है बेरुखी की आज हमने इंतहा,
हम पर नजर पड़ी तो वो महफिल से उठ गए!!!
#अच्छा होता गर सुख जाती जू ऐ मोहब्बत मुझमें,
की बेरुखी पे तेरी ये नमी अब खलती बहुत हैं!!!
#हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी ना जाने
कितने सवालों की आबरू रख ली!!!
#तेरी हर बेरुखी को इसलिए भी हम भूल जाते हैं,
की है ही कौन तेरा मेरे सिवा!!!
#इस दिल की तड़प को काश वो समझते तो यू
हमे रुसवा न किया होता उनकी ये बेरुखी भी मंजूर थी
हमे बस एक बार समझ लिया होता!!!
#शिकायत न करना किसी से बेरुखी की इंसान की
फितरत ही होती है जो चीज पास हो उसकी कद्र नही करता!!!
#तेरी बेरुखी को भी हमने गले लगाया,
की शायद ये तेरे प्यार करने का अपना अंदाज हो!!!
#डर तो उसे भी होगा बिछड़ने का मुझसे,
मेरी बेरुखी से वो सहम क्यों नहीं जाता!!!
#अब क्यों तकलीफ होती हैं तुम्हे इस बेरुखी से,
तुम्ही ने तो सिखाया है की दिल कैसे जलाते है!!!
#तेरी यादों का सिलसला कभी खत्म न होगा,
तेरे जाने के बाद अब इस दिल को फिर से किसी से इश्क ना होगा!!!
#कभी ऐसी भी बेरुखी देखी है तुमने ऐ दिल,
लोग आप से तुम तुम से जान जान से अनजान हो जाते हैं!!!
#तेरी बेरुखी का ही अंजाम है ये की अब मैं
खुद से भी नाराज रहने लगा हूं!!!
#जरा तल्ख लहजे में बात कर जरा बेरुखी से पेश आ,
मै इसी नजर से तबाह हुआ हू मुझे देख ना यू प्यार से!!
#महफिल की बेरुखी भी नही शान भी नही
मै अजनबी नही, मेरी पहचान भी नही!!!
#अभी कमजोर हु तो कमजोर ही रहने दो,
यूं बेरुखी से तो मैं भी पत्थर हो जाऊगा!!!
#आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो,
जब भी मन में आए क्यों रूला देते हो,
निगाहे बेरुखी है और तीखे है लफ्ज़,
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो!!!
#चुपके से हमने भेजा था एक गुलाब उसे,
खुशबू ने सारे शहर में तमाशा बना दिया!!!
#तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारते मेरी,
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूं!!!
#तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सब ने,
कफन में हम भी अजीजो से मुंह छुपा के चले!!!
#जिस बदनसीब के नसीब में हो ठोकरें जमाने की,
उस बदनसीब को भला कोई सहारा कहा से मिले!!!
#हजारों शिकवे कई दिनों की बेरुखी,
बस उनकी एक झलक और सब रफा दफा!!!
#तुम्हारी बेरुखी ने सीखा दिया है रहना तुम्हारे बिना भी,
अब तुम आओ तो भी न मनाऊं!!!
#पलट रहे हैं पन्ने बीती हुई जिंदगी के,
दिखते निशान बहुत हैं रिश्तों की बेरुखी के!!!
#मेरी जंग थी वक्त के साथ
फिर वक्त ने ऐसी चाल चली
मै अकेला होता गया!!!
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