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बचपन में न्यूजपेपर बेचने वाला कैसे बना देश का राष्ट्रपति

By : Ravi Kumar

कैसे एक साधारण व्यक्ति अपने सपनों के बल पर महान बन जाता है? जब वह साधारण व्यक्ति महानता को ग्रहण करने लगता है तो वह उस समाज, राज्य और देश का ना होकर, वह पूरे विश्व का हो जाता है।

वह अपने अथक तपिश और लगन के कारण आम जन और धर्म से ऊपर उठ जाता है।, जहां आमजन उन्हें पूजते हैं। यह सब सच कर दिखाया है, भारतमाता के लाल A P J Abdul Kalam ने।

जिनकी एक खूबसूरत आदत थी कि यदि कहीं कोई गलती हो जाए तो वह उसे झट से मान लेते थे, लेकिन यदि कोई बड़ी Success मिले तो, कलाम क्रेडिट नहीं लेते थे। तो आइये जानते है इस Hindi Biography द्वारा A P J Abdul Kalam को करीब से….

  • कैसे बना एक चायवाला, देश का पीएम ?

अनुक्रम

  • A P J Abdul Kalam Hindi Biography (Wiki)
    • Quick Bio
    • APJ Kalam Autobiography
    • A P J Abdul का Childhood
    •  A P J Abdul Kalam की प्रारंभिक पढ़ाई
    • A P J Abdul Kalam की कॉलेज की पढ़ाई
    •  A P J Abdul Kalam की इंजीनियरिंग पढ़ाई
    •  A P J Abdul Kalam का कैरियर
    •  A P J Abdul Kalam की वैज्ञानिक उपलब्धियां
    • राष्ट्रपति A P J Abdul Kalam
    • A P J Abdul Kalam का अंतिम समय
    • A P J Abdul Kalam’s Unseen Pictures

A P J Abdul Kalam Hindi Biography (Wiki)

Quick Bio

NameAPJ Abdul Kalam
Date of BirthOct 15, 1931
Date of DeathJuly 27, 2015, Shillong
Age84 Year
Birth PlaceRameswaram
WifeNA/ Unmarried
Full NameAvul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam
EducationM.Tech
AwardsBharat Ratna, Padma Bhushan, Padma Vibhushan

APJ Kalam Autobiography

YouTube video

A P J Abdul का Childhood

ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म का रामेश्वरम (Rameswaram)  के मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता जैनुलाबद्दीन नाव बेचा करते थे और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे।

उनकी माता आशियम्मा हाउसवाइफ़ थी। कलाम अपने एक बहन और चार भाइयों में सबसे छोटे थे। कलाम का बचपन हिन्दू और मुस्लिम धार्मिक माहौल में बिता।

उनके पिता बड़े से बड़े मसलों को आम तमिल जुबान में सुलझा लिया करते थे। उनके पिता कलाम से कहते थे “जब आफ़त आए तो आफ़त को समझने की कोशिश करो, मुश्किलें हमेशा खुद को परखने का मौका देती है।”

जब कलाम छह वर्ष के थे, तब उनके पिता ने एक नाव बनाया, जिसमें वे यात्रियों को रामेश्वरम से धनुषकोडी ले जाया करते और वापिस ले आया करते थे।

उनके पिता के साथ ही अहमद जल्लालुद्दीन नाम का एक व्यक्ति काम करता था। जिनका बाद में कलाम की बहन जौहरा के साथ निकाह हुआ।

कलाम की दोस्ती अहमद जल्लालुद्दीन के साथ जम गया जबकि दोनों के उम्र में 15 साल का अंतर था।

वे दोनों हर शाम लंबी सैर पर निकल जाया करते थे। वे मस्जिद गली से अपनी यात्रा स्टार्ट करते और उनका पहला पड़ाव शिव मंदिर पड़ता था।

वे उसी श्रद्धा से उस मंदिर की परिक्रमा करते, जिस श्रद्धा से वहाँ बाहर से आए यात्री करते थे।

रामेश्वरम में जल्लालुद्दीन वह अकेले व्यक्ति थे, जो इंग्लिश जानते थे। वे हमेशा कलाम के साथ साहित्य, साइन्स और पढे-लिखे लोगों के बारे में ही बात करते थे।

कलाम का बचपन में एक और साथी था, शमशुद्दीन, जो उनके चचेरे भाई भी थे। रामेश्वरम में शमशुद्दीन के पास अखवारों का ठेका था।

वे अकेले ही सारा काम किया करते थे। हर सुबह रामेश्वरम में अखबार ट्रेन से पहुंचता था।

सन 1939, जब कलाम 8 वर्ष के थे। तब Second World War स्टार्ट हुआ। Emergency जैसी हालत हो गए और रामेश्वरम में ट्रेनों का रुकना केंसिल कर दिया गया।

अब अखवारों के बंडल को रामेश्वरम से धनुषकोडी के बीच चलती ट्रेन से फेंक दिया जाता था। शमशुद्दीन को मजबूरन एक लड़के की आवश्यकता पड़ी, जो फेंके हुए अखबारों को इकट्ठा कर सके।

यह मौका छोटे कलाम को मिला। कलाम की पहली कमाई यही से हुई।

कलाम कहते है “हर बच्चा, जिस आर्थिक, सामाजिक और इमोशनली हालत से प्रभावित होता है, उसी तरह का उसका व्यक्तित्व बनता है।”

कलाम को अपने पिता से सेल्फ डिफेंस और माता से अच्छाई पर विश्वाश करना और रहम-दिली मिला। वहीं जल्लालुद्दीन और शमशुद्दीन भी उनके जीवन के वो दो खंभे थे, जो उनके पूरे जीवन को प्रभावित किया।

  • कैसे एक आम इंसान बना देश की राजधानी का CM

(Quick Facts) A P J Abdul Kalam Born:- 15 October, 1931

 A P J Abdul Kalam की प्रारंभिक पढ़ाई

कलाम अपनी हाइ स्कूल की पढ़ाई के लिए रामनाथपुरम चले गए, जहां Schwartz Higher Secondary School, Ramanathapuram में अपनी पढ़ाई पूरी की।

इस दौरान उन्हें रामेश्वरम की शांति भी खलती थी। इसलिए घर जाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते थे।

उस स्कूल के एक टीचर थे, अय्यादुरई सोलोमन (Iyadurai Solomon), कलाम उनके सबसे प्रिय स्टूडेंट थे।

वे कहा करते थे “जिंदगी में कामयाब होने और नतीजे हासिल करने के लिए, तीन ताकतों पर काबू पाना बहुत जरूरी है- ख़्वाहिश, यकीन और उम्मीद”

सोलोमन सर आगे कहते है “इससे पहले की मैं चाहूँ कुछ हो जाए, यह जरूरी है कि मेरे अंदर उसके लिए पूरी शिद्दत से ख़्वाहिश हो और यकीन हो कि वह होगा।”

कलाम जब भी समुद्र में बगुलों और कुंजों को आसमान में परवाज़ भरते देखते थे तो उन्हें भी उड़ने का बड़ा मन करता था। वे हमेशा इस उम्मीद में रहते कि एक दिन वे भी खुले आसमान में उड़ेंगे।

A P J Abdul Kalam की कॉलेज की पढ़ाई

सन 1950 में कलाम आगे की पढ़ाई के लिए संत जोसेफ कॉलेज (St. Joseph College, Tiruchirappali), तिरुचिपल्ली चले गए। जहां उन्होंने अपना Bsc का डिग्री पूरा किया।

पर तब तक कलाम नहीं जानते थे कि आगे की पढ़ाई से बहुत कुछ किया जा सकता है। Graduation करने के बाद उन्हें पता चला Physics और Chemistry उनका सबजेक्ट नहीं।

उन्होंने अपने सपने को टटोला, मन में एक ही बात उभरा “Engineering”

  • पाकिस्तानियों को डराने के लिए एक नाम ही काफी है, वो कौन है ? 

 A P J Abdul Kalam की इंजीनियरिंग पढ़ाई

फिर कलाम एमआईटी (Madras Institute of Technology) में कैसे भी करके Entrance Exam तो पास कर लिये। पर एड्मिशन के लिये 1000 रुपये की जरूरत थी। जो उस वक्त एक बड़ी रकम थी।

ऐसे में उनकी बहन जौहरा आगे आई, उन्होंने बेझिझक अपने भाई कलाम की एड्मिशन के लिये अपने सोने के कड़े और गहनों को गिरवी रख, पैसों का इंतजाम की।

कलाम अपनी बहन का विश्वास देख, अंदर ही अंदर पसीज गए और उस दिन प्रण किए, वह अपनी मेहनत से अपनी बहन के गहनों को छुड़ाएंगे।

यही से भारतीय मिसाइल मेन का जन्म हुआ। वे अगले तीन वर्षों के लिये एमआईटी में एयरोनोटिकल इंजीनियरिंग (Aeronautical Engineering) करने लगे।

पढ़ाई के दौरान जब वे एक सीनियर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। तो उस प्रोजेक्ट पर उनका धीमे प्रोग्रैस से प्रोजेक्ट के अध्यक्ष नाखुश था।

उसने गुस्से में कलाम को 3 दिन के अंदर रॉकेट का रूपरेखा तैयार करने को कहा। वर्ना उनके स्कोलशिप को रद्द कर दिया जाएगा।

कलाम उस कठिन प्रोजेक्ट पूरा करने में ऐसे लग गए कि 3 दिन की डेडलाइन से पहले ही मात्र 24 घंटे के अंदर पूरा कर उस अध्यक्ष को चौका दिये।

एमआईटी के केम्पस में दो रिटायर्ड जंगी वायुयान रखा हुआ। क्लास खत्म होने के बाद कलाम घंटों उसके पास बैठ अपने सपनों में जीते थे।

फ़र्स्ट ईयर के बाद कलाम को अपना स्पेशलाइज़ेशन चुनना था। कलाम ने अपने ख़्वाहिश, हौसला, समर्पण, विश्वास को चेक किया तो पाया कि उन्हें तो उड़ना है, इसलिए वे एयरोनोटिकल इंजीनियरिंग को चुना।

कलाम इस बारे में इंजीनियरिंग स्टूडेंट को Suggestion भी देते हैं “स्पेशलाइज़ेशन चुनते वक्त, आप देखे कि उस क्षेत्र में जाने के लिए आपके पास कितना उत्साह, लगन और शोक है।”

एमआईटी में पढ़ाई के दौरान कलाम तीन Professors से अधिक प्रभावित थे।

प्रोफेसर के ए वी पंडलई(KAV Pandalai), वे बड़े ही खुश दिल्ली इंसान थे। हर साल नायाब तरीके से Course को पेश करते थे। जो Aero-structure Design सिखाते थे।

प्रोफेसर नरसिंघ राव(Narasingha), जो मेथमेटिसियन थे, जिनके प्रभाव के कारण कलाम को Mathematical Physics सबसे अच्छा लगने लगा। प्रोफेसर राव कहते थे “हर इंजीनियरिंग स्टूडेंट के टूल्स-किट में मैथ चाकू की तरह होता है।”

प्रोफेसर स्पांडर (Sponder), जो आस्ट्रिया के थे और वे जंगी जहाज के निर्माता भी थे। वे Aero-Dynamic पढ़ाते थे।

एमआईटी में पढ़ाई पूरी कर कलाम, एचएएल (Hindustan Aeronautics Limited, Bangalore ) में ऐरोनोटिकल इंजीनियरिंग के रूप में ट्रेनिंग के लिए आ गए। जहां ट्रेनिंग पूरा करते ही अपने खवाहिश को पूरा करने के लिये उन्हें दो मौका मिला।

(Quick Facts) A P J Abdul Kalam’s Childhood Friends :- Ramanadha Shastry, Aravindan, and Sivaprakasan

  • कैसे बनाया मात्र 12 हजार रुपये से 10 करोड़ की कंपनी ?

 A P J Abdul Kalam का कैरियर

एक एयरफोर्स में, दूसरा Ministry Of Defense में। कलाम ने दोनों में apply कर दिया। दोनों से ही कलाम को इंटरव्यू के लिए बुलावा आया।

वे पहले Defense Ministry के लिए दिल्ली गए, वहाँ उनका इंटरव्यू अच्छा गया।

फिर Air Force की इंटरव्यू के लिए देहरादून गए। वहाँ इंटरव्यू में आए 25 Candidates में 9वां स्थान आया। जबकि जरूरत 8 candidates की थी।

फिर कलाम निराश हो गए। दिल पर बोझ लिए कलाम ऋषिकेश चले गए, जहां उन्होंने पहले पावन गंगा में स्नान की।

फिर उनका सफ़ेद धोती में लिपटे गौतम बुद्ध जैसे दिखने वाले स्वामी शिवानंद से मुलाक़ात हुई। उन्होंने देहरादून की नाकामयाबी की सारी बाते उनसे कहीं।

स्वामी शिवानंद ने मुसकुराते हुए कहा “ख़्वाहिश अगर दिलों-जान से निकला हो, वह पवित्र हो, उसमें शिद्दत हो, तो

उसमें कमाल की Electronic Magnetic Energy होती है, दिमाग जब सोता है तो यह Energy रात की खामोशी में बाहर निकल जाती है

और सुबह कायनात, ब्रह्मांड, सितारों की गति-रफ्तार को अपने साथ समेट कर दिमाग में लौट आती है। इसलिए जो सोचा है, उसकी सृष्टि (निर्माण) अवश्य है।

वह आकार लेगा। तुम विश्वाश करो, इस सृष्टि पर, सूरज फिर से लौटेगा, बहार फिर से आएगा।”

फिर कलाम दिल्ली आ गए और इंटरव्यू के प्रतिउत्तर में उन्हें Appointment का Letter थमा दिया गया। उन्हें 250 रुपये की प्रति महीने सेलेरी पर सीनियर साईंटिफ़िक असिस्टेंस के पद पर नियुक्त कर दिया गया।

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 A P J Abdul Kalam की वैज्ञानिक उपलब्धियां

कलाम 1962 में ISRO से जुड़कर Project Director रहते हुए पहला स्वदेशी उपग्रह SLV iii को लॉंच किया, जो विश्व में उभरते भारत के लिए एक बड़ी सफलता थी।

1980 में कलाम की टीम ने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर भारत को International Space Club का सदस्य बना दिया।

इसी तरह कलाम ने स्वदेशी शक्तियों को उपयोग करते हुए अग्नि, त्रिशूल और पृथ्वी जैसे मिसाइल बना कर दुनियाँ में मिसाइलमेन कहलाएँ।

1998 पोखरण में परमाणु शक्ति का सफल प्रयोग कर कलाम ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाया।

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राष्ट्रपति A P J Abdul Kalam

कलाम को जल्द ही अपने उपलब्धियों से बड़ा इनाम मिला। BJP ने कलाम को अपना राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया, जिन्हें 90 % मतों से जीत मिली और 25 जुलाई 2002 में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई।

कलाम ने अपना कार्यकाल को बड़े अनुशानप्रिय और बेहद सहज तरीके से 25 जुलाई 2007 को पूरा किए।

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A P J Abdul Kalam का अंतिम समय

इसके बाद कलाम ने अपना शेष जीवन देश के स्टूडेंट्स के नाम कर दिये। अब कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर और जैसलमेर से शिलोंग तक घूम-घूम कर देश निर्माण के लिए स्टूडेंट्स को प्रेरित करते थे।

कलाम देश के महत्वपूर्ण विषयों पर स्टूडेंट के विचार भी जानते थे और अपना विचार भी शेयर करते थे।

27 जुलाई 2015 की वह शाम, जब धरती से स्वर्ग के रास्ते को चमेली, गुलाब फूलों से सजा दिया गया। दुनियाँ की सर्वश्रेष्ठ तकनीक से लाइटिंग की व्यवस्था की गई।

जब कलाम,  IIM, Shilong में स्टूडेंट को संबोधित कर थे और वे संसंद की अव्यवस्था पर स्टूडेंट्स के विचार लेने वाले थे कि तभी स्वर्ग के रास्ते से आता हुआ सात घोड़ों वाला सुसज्जित रथ दिखा, जो उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए आ रहा था।

तभी कलाम का दिल ज़ोर से उद्दक पड़ा। रथ उनके आगे रुका। रथ चालक ने रथ का गेट खोला और रेड कार्पेट बिछाया। फिर कलाम उस कार्पेट के सहारे रथ पर चढ़े और रथ चल पड़ी और कलाम सदा के लिए स्वर्ग लोक को चले गए।

पर उन्होंने अपना हौसला, लगन, चाह को यहीं छोड़ गए, हम भारतियों के लिए, जो हमारे दिलों में जिंदा हैं।

तिरंगे में लिपटे भारत माता के इस लाल को रामेश्वरम के पी करूम्बु ग्राउंड में दफ़ना दिया गया।

  • कौन था, जिसने रक्त की एक बूंद बहाये विभाजित भारत को एक किया ?

(Quick Facts) A P J Abdul Kalam’s Awards :- 

Bharat Ratna (1997)
Padma Vibhushan (1990)
Padma Bhushan (1981)
Indira Gandhi Award for National Integration (1997)
Ramanujan Award (2000)
King Charles II Medal (2007)
International von Kármán Wings Award (2009)
Hoover Medal (2009)

A P J Abdul Kalam’s Unseen Pictures

Abdul Kalam with Family in Childhood
Abdul Kalam with Family in Childhood, Image Credit : India.com
A P J Abdul Kalam's Childhood Picture
A P J Abdul Kalam’s Childhood Picture, Image Credit:India.com
A P J Abdul Kalam during College
A P J Abdul Kalam during College, Image Credit : Youtube.com
Abdul Kalam in ISRO
Abdul Kalam in ISRO, Image Credit : Huffingtonpost.in
Abdul Kalam at Farewell Function
Abdul Kalam at Farewell Function, Image Credit:Huffingtonpost.in

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यदि आप इस Hindi Biography में कोई गलती पाते है तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।

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Filed Under: Scientists

Comments

  1. Sumit Kumar says

    at

    You have shared a really good article, Thanks for this.

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  2. Bigg Nutrition says

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  5. Sumit Prajapati says

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    Great info you shared, Thanks for share such type of precious info.

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  6. Amit Kumar says

    at

    APJ kalam jaisa visinory leader duniyan me dusra koi aur nahi hai.

    Reply
  7. Rakesh Gupta says

    at

    Good Info for Abdul Kalam Sir

    Reply
  8. Avneesh says

    at

    Nice biography

    Reply
    • Jenab khan says

      at

      Good biography padh kr acha lga thanks sir

      Reply
  9. Sooryavanshi Adarsh Pratap Ranjan says

    at

    Hum bhartiyo ko inki tarah nahi varan inse badhakar kuchh karne ka hausla rakhana chahiye vo bhi sapanon k sath

    Reply
  10. Chems tamang says

    at

    apj abdul kalam sir ka kehna h ki koi vi chiz ko hasil krne k liye sapna (Dream)dekhna jaruri h..kalam sir hamesa desh ke yuva ko sapna dekhne ne k liye kehte they..
    kalam sir ke desh ke parti abdan hamlog kavi nahi bhul payenge..legend

    Reply
  11. Mohammad Amir says

    at

    I love the A P J Abdul Kalam

    Reply
  12. Virat dubey says

    at

    nice article on abdul kalam my name is virat dubey my father name niraj dubey my mother name is sanju dubey my brother name is vikarm and darashan my distic partapgadh and vellage suryagadh makunpur

    Reply
  13. Virat dubey says

    at

    Hello friend

    Reply
  14. venugopal sahu says

    at

    It’s a motivational and inspirational article of the misileman Dr.APJ Abdul Kalam ‍

    Reply
  15. NURUL AMIN BARBHUYAN says

    at

    REALLY IT IS HEART TOUCHING ARTICLE

    Reply
  16. rakesh jamre says

    at

    Very nic articles sir

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  17. K. S. Dawar says

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    Good article no doubt any

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  18. Rahul kumar says

    at

    Nice article hai yrrrr sachi me

    Reply
  19. Pushpendra Kumar Singh says

    at

    nice article on abdul kalam

    Reply

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